‘कुछ काम अब तो कर लो बलम,
बंद करा क्यूं ग्यूं चावल हमरा, गुझिया हुंणी चीनी दिला दो बलम,
खाली खजाना जेब भी खाली-करने वाले जेल चलें,
मुख पे मलो उनके कालो डीजल, भ्रष्टाचार की होरी जलें,
औरों पर तो बहुत चलाई, कुछ खुद पर भी तो चला दो कलम,
कुछ काम अब तो कर लो बलम’
नवीन जोशी, 'नवेंदु'